UP Primary School Completely closed: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना देख रहे 15 लाख से अधिक डीएलएड B.Ed अभ्यर्थियों के लिए बड़ा झटका लगा है उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है उत्तर प्रदेश सरकार बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल बंद करके निकटतम विद्यालय में मर्ज करने जा रही है इसको लेकर विभागीय आदेश भी जारी कर दिया गया है।
प्राथमिक शिक्षक के तौर पर करियर बनाने की सोच रहे लाखों डीएलएड और b.ed अभ्यर्थी शिक्षा विभाग के नए आदेश से काफी परेशान हैँ विभाग ने प्रदेश के हजारों प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है साथ ही बंद करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है आईए जानते हैं पूरी खबर!
कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को दूसरे स्कूल में किया जाएगा मर्ज
बता दें उत्तर प्रदेश सरकार के परिषदीय स्कूल जिसमें छात्र नामांकन संख्या 20 या 20 से कम है उन्हें बंद करने का फैसला किया है और उन सभी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को पास के विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाएगा इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पहल शुरू कर दी है ऐसे स्कूलों को चिन्हित करके सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को 16 जून तक मर्जर करने के प्रस्ताव को जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है इस संबंध में 13 जून को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में यह निर्णय लिया गया है ऑनलाइन बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश के लगभग सभी जिला अधिकारी भी सम्मिलित हुए थे बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 20 से कम छात्र संख्या वाले सभी स्कूलों को चिन्हित करके उन्हें मर्जर का प्रस्ताव 16 जून तक भेज दिया जाए।
15 लाख से अधिक डीएलएड अभ्यर्थी कर रहे शिक्षक बनने का इंतजार
वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 15 लाख से अधिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास डीएलएड अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक बनने का इंतजार कर रहे हैं जिसको लेकर हाल ही में आंदोलन भी किया गया था इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है जिससे 15 लाख से अधिक डीएलएड और टेट पास उम्मीदवारों को काफी बड़ा झटका लगा है क्योंकि पहले से ही सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि उनके पास पर्याप्त संख्या में शिक्षक मौजूद है ऐसे में हजारों सरकारी स्कूल बंद करने के बाद शिक्षकों की मांग और भी खत्म हो जाएगी इससे आने वाले समय में नए शिक्षक विज्ञापन निकलने का रास्ता और भी कठिन हो गया है क्योंकि मर्जर के बाद काम विद्यालय वाले शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा जिससे शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में समाप्त हो जाएंगे।
हालांकि पिछली बार 20000 से अधिक स्कूल चिन्हित किए गए थे जो 50 से कम छात्र संख्या वाले थे हालांकि पहले चरण में सरकार 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज कर रही है इसके बाद अगले चरण में 50 से कम छात्र संख्या वाले सभी स्कूल निकटतम स्कूलों में मर्ज कर दिए जाएंगे। ऐसा होने के बाद नया शिक्षक विज्ञापन निकलने का रास्ता काफी कठिन हो जाएगा क्योंकि इसके बाद सरकार शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने वाली है और सभी शिक्षकों को समानुपात में समायोजित किया जाएगा इस प्रकार आने वाले समय में विज्ञापन निकालने की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी।