Retirement Age Big News: रिटायरमेंट आयु को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 60 साल से पहले रिटायरमेंट दे सकती है सरकार

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कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी कर्मचारी को अपने रिटायरमेंट की आयु का निर्धारण करने का कोई भी मौलिक अधिकार नहीं है यह अधिकार केवल राज्यों के पास है समानता के सिद्धांत का पालन करते हुए उचित रूप से उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि किसी कर्मचारी को इस बात का कोई भी मौलिक अधिकार नहीं है कि वह किस आयु में रिटायर होगा अपनी मनमर्जी से रिटायरमेंट की आयु निर्धारित नहीं कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर्मचारियों को रिटायरमेंट आयु निर्धारण का अधिकार नहीं

रिटायरमेंट आयु को लेकर राज्य सरकार द्वारा कोई भी फैसला लिया जा सकता है राज्य सरकार चाहे तो कर्मचारियों को समय से पहले ही रिटायर कर सकती है और जबरन सेवानिवृत्ति भी दे सकती है सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें कर्मचारी की रिटायरमेंट आयु निर्धन को लेकर कहा है किसी कर्मचारी को इस बात का कोई भी मौलिक अधिकार नहीं मिलता है कि वह किस आयु में रिटायर होगा।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण निर्णय

सुप्रीम कोर्ट के माननीय जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस के भी विश्वनाथन की कंप्लीट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला दिया है जिसमें अपील करता लोकोमोटर विकलांग इलेक्ट्रीशियन था उसको 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया था जबकि इसी तरह के दृष्टिबाधित कर्मचारी को 60 वर्ष तक नौकरी में रहने की अनुमति प्रदान की गई थी और इसके माध्यम से ही दृष्टि बाधित कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु को 60 वर्ष कर दिया गया था लेकिन बाद में राज्य सरकार द्वारा OM वापस ले लिया गया था जिसमें रिटायरमेंट की आयु 58 साल रखी गई अपील कर्ता 18 सितंबर 2018 को रिटायर हो गया और उसे राज्य सरकार द्वारा OM वापस लेने की तिथि तक विस्तार भी दिया गया यह विवाद तब हुआ जब अपील कर्ता ने वह हम वापस लेने की तिथि से 60 वर्ष तक की आयु पूरे होने तक रोजगार जारी रखने का दावा पेश कर दिया।

कोर्ट ने कहा

किसी भी कर्मचारी को इस बात का कोई भी मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं है कि वह किस आयु में रिटायर होगा

अपील करता ने दावा किया कि समान स्थिति वाले कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया गया जबकि उसे समय से पहले रिक्वायरमेंट दे दिया गया इस मामले पर न्यायालय ने कहा की अपील करता अन्य कर्मचारियों को दिए गए सामान लाभों का हकदार है लेकिन स्पष्ट किया कि लाभ उसे OM वापस लेने की तिथि तक मिलेंगे क्योंकि OM 2019 तक लागू था।

कर्मचारियों को रिटायरमेंट देना राज्य का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में साफ कर दिया है कि किसी भी कर्मचारी को कब रिटायरमेंट दिया जाएगा यह कर्मचारी स्वयं तय नहीं कर सकता कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने का अधिकार राज्य का नीतिगत मामला है कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट की आयु निर्धारित करने का कोई भी अधिकार नहीं है साथ ही दूसरे कर्मचारियों की तरह 60 वर्ष तक सेवा में बने रहने का भी जबरदस्ती अधिकार नहीं दिया जा सकता।